सोच मैं  उनके सहारे 

जो किया, था वो गलत?
या किया जिससे, गलत था?
कर रहा, क्या वो सही है?
या के सोचा ही गलत था? ।1।

उलझ ऐसी, उधेड़बुन में 
लड़खड़ा, जाता कभी मैं 
गिर भी जाता, हूँ कभी 
फिर, सम्भल जाता आप से ।2।

गिरते सम्भलते, लड़खड़ाते 
चल रहा हूँ, अनवरत 
न साथ कोई, है न मंजिल 
ना हि दिखते, अब किनारे ।3।

मुड़ सकूँ, एक बार फिर से 
बदलने, खुद के सितारे 
छोड़ आया, जिनको पीछे 
सोच मैं उनके सहारे ।4।

-0_0- हिमांशु राय 'स्वव्यस्त' -0_0-

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