ग़म का पिटारा
किसी ने कहा
"कुछ हार गयी तकदीर
कुछ टूट गए सपने
कुछ गैरों ने बर्बाद किया
कुछ छोड़ गए अपने"
मैंने कहा-
" तेरे दर्द को जो नाप ले
पैमाना कहाँ से लाऊँ
खुशियों से भर दे
तेरा बेदाग दामन
ऐसा अनमोल, अनमिट
नजराना, कहाँ से लाऊँ
दर्द तो मेरा भी वही है
मेरे अन्जान साथी
हो तो दे दे दवा
मुझको इक घूंट भर बस
ये गम का पिटारा
यहीं भूल जाऊँ "
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