बादल यादें भर-भर लाया
बादल यादें भर-भर लाया
तन्हाई का मौसम छाया
छम-छम करता कहर बरसता
दिल की आह! से मन भर आया
दिल की आह! से मन भर आया
बादल यादें भर-भर लाया
नींद रात की उड़-उड़ जाती
अश्क़ों ने लब-पलक भिंगाया
चैन दिवस भर नहीं एक पल
आशाओं से मन अकुलाया
बादल यादें भर-भर लाया
तम के तीन प्रहर जा निकले
स्वप्न में शोक ने विघ्न लगाया
जोर-जोर अति सिसक रहा कोई
कहता प्यार किया क्या पाया ?
बादल यादें भर-भर लाया | |
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