गम के सायों में 

प्यार की बारिस में, भींग लिए  
पल-भर 
अब आंसुओं से लतफत 
हो जाने का मन है 
यादों से भर आया 
दिल, आज इतना 
नैनों से नदियाँ  
बहाने का मन है ।1।

जो, कह सका ना 
कभी हाल तुझसे 
मेरी  चाहतों की बातें 
तेरे जुल्मों के किस्से 
मेरी यादों की बगिया 
वो बिखरे इरादे 
इक वादा मेरा 
वो बहाने तेरे ।2।

सब रहेंगे सलामत 
लिखे  कागजों में 
मेरी नादान बातें 
तेरे नख़रे बड़े ।3।

प्यार तो तेरा मुझको 
न हासिल हुआ  
गम के सायों में 
घुप्प 
चीख जाने का मन है ।4।

फिरआंसुओं से लतफत 
हो जाने का मन है 

-0_0- हिमांशु राय 'स्वव्यस्त' -0_0-


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